हम सभी जानते हैं कि किसी भी फल का सेवन करने से कुछ फायदे होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी काफल नाम के फल के बारे में सुना है. इस फल को पहाड़ी फल भी कहा जाता है. यह अधिकतर उत्तराखंड में पाया जाता है क्योंकि यह पहाड़ों में होता है। उत्तराखंड राज्य का यह फल बहुत प्रसिद्ध फल माना जाता है, वहां के लोग काफल फल को बड़े स्वाद से खाते हैं।
काफल एक छोटा बेरी जैसा फल है, जो गोल और लाल-गुलाबी रंग का होता है। इस फल का स्वाद बहुत मीठा और रसीला होता है. इस फल में कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं. पहाड़ी लोग काफल फल का बहुत सेवन करते हैं। तो आइए जानते हैं काफल फल खाने के फायदे।
1) एक अध्ययन के अनुसार काफल फल में कई औषधीय गुण होते हैं। उत्तराखंड में इस फल का उपयोग आयुर्वेद में कई प्रकार की औषधियां बनाने में किया जाता है। यह फल एंटी-अस्थमा गुणों से भरपूर होता है, जो अस्थमा पीड़ितों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
2) काफल फल में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भरपूर होती है, जो कई तरह की समस्याओं जैसे डायरिया, अल्सर, जलन, सूजन, गले की खराश, अपच, एनीमिया, बुखार आदि को ठीक करता है। यहां तक कि इसके पेड़ की छाल, फूल, बीज आदि भी बहुत फायदेमंद होते हैं। इस फल के पेड़ की छाल एंटी-एलर्जी है, जिसका उपयोग कई प्रकार की एलर्जी के इलाज के लिए किया जाता है। काफल फल पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में बहुत कारगर है।
3) काफल फल के पेड़ की छाल दांत दर्द से राहत दिलाने में कारगर मानी जाती है। इस पेड़ की छाल को दांतों से 2 से 3 मिनट तक चबाने से दर्द कम हो जाता है। अगर आपको दांतों से जुड़ी कोई समस्या है तो यह फल फायदेमंद है
4) अगर आप लगातार तनाव, चिंता की समस्या से पीड़ित हैं तो इसके लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए भी काफल का सेवन बहुत फायदेमंद है। इसमें तनाव दूर करने वाले गुण होते हैं, जो अवसाद, चिंता, तनाव आदि मानसिक समस्याओं के लक्षणों को कम करते हैं।
5) अगर आपको खांसी, जुकाम या बुखार की समस्या है तो आप काफल फल का सेवन कर सकते हैं। इस फल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो इन समस्याओं को दूर करने में बहुत कारगर होते हैं। इसकी छाल से बने चूने का सेवन करने से खांसी, गले की खराश, दर्द आदि कम हो जाते हैं।